
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य रणनीति अपनाई है। हालाँकि, उपलब्ध जानकारी में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं है कि भारत 40 देशों की सैन्य नेतृत्व (मिलिट्री लीडरशीप) के साथ विशेष रूप से बातचीत करने जा रहा है। इसके बजाय, विभिन्न स्रोतों के अनुसार, भारत ने 25 से 33 देशों में बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को भेजने की योजना बनाई है, ताकि ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दुनिया के सामने रखा जाए।
ये प्रतिनिधिमंडल, जिनमें शशि थरूर, सुप्रिया सुले, रविशंकर प्रसाद, और अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों, यूरोपीय संघ, और अन्य प्रभावशाली देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कतर, यूएई, रूस आदि के साथ भारत का पक्ष साझा करेंगे। इनका उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क को उजागर करना और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को रेखांकित करना है, न कि केवल सैन्य नेतृत्व के साथ बातचीत करना।
ऑपरेशन सिंदूर, जो 6-7 मई 2025 को शुरू हुआ, पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 लोग मारे गए) के जवाब में भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना की संयुक्त कार्रवाई थी। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
यदि आप विशेष रूप से 40 देशों की सैन्य नेतृत्व के साथ बातचीत के बारे में पूछ रहे हैं, तो यह जानकारी उपलब्ध स्रोतों में पुष्ट नहीं है। संभवतः यह संख्या या सैन्य नेतृत्व के साथ बातचीत का दावा किसी अन्य संदर्भ या अपुष्ट रिपोर्ट से संबंधित हो सकता है। क्या आप इस दावे के स्रोत या अधिक विवरण प्रदान कर सकते हैं? इससे मुझे आपके प्रश्न का अधिक सटीक जवाब देने में मदद मिलेगी।
इस बीच, भारत की कूटनीतिक रणनीति में सैन्य कार्रवाइयों के साथ-साथ वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए राजनयिक प्रयास शामिल हैं, और यह प्रक्रिया 22 मई 2025 से शुरू हो चुकी है, जिसमें सांसदों के दौरे और ब्रीफिंग शामिल हैं। क्या आप चाहेंगे कि मैं इस विषय पर किसी विशेष पहलू, जैसे ऑपरेशन की सैन्य रणनीति या किसी देश के साथ कूटनीतिक बातचीत, पर गहराई से जानकारी दूँ?