कुदरत का यह कैसा ‘क्रूर संयोग’
दीपक कुमार तिवारी
पटना। अविश्वसनीय कह लें या अकल्पनीय, मगर एक बड़ा ही दुखदाई पर इत्तेफाक लोक जनशक्ति पार्टी के कई बाहुबली नेताओं के साथ ऐसा हुआ कि असमय ही उन्हें अपने बेटे की मौत का आघात झेलने पड़े। कहते हैं जीवन का सबसे बड़ा दुख अपने बेटे के जनाजे में बाप का कंधा देना होता है। दुखद संयोग देखिए कि इस अपार दुख से लोजपा के तीन सांसदों को गुजरना पड़ा। यह दीगर कि विधि का विधान कौन टाल सकता है? जितनी चाबी भरी राम ने उतना चले खिलौना! ऐसे कई संवाद सांत्वना देने के लिए होते हैं पर, जिसका जवान बेटा अचानक से अलविदा कह दे? तब सांत्वना के शब्द भी दुखों के पहाड़ से टकराकर निरर्थक हो जाते हैं।
आई ऐसी मनहूस खबर!लगा कि जैसे पृथ्वी घूम गई। वैशाली से लोजपा (आर) की सांसद वीणा देवी के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह दुर्घटना मुजफ्फरपुर के जैतपुर थाना क्षेत्र के पोखरैरा चौक के पास सोमवार की देर शाम घटी। इस सड़क दुर्घटना में एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह और सांसद वीणा देवी के बेटे राहुल राज उर्फ छोटू सिंह की जान चली गई। हादसे की सूचना के बाद तो हाहाकार मच गया। तमाम दलों के नेताओं का रुख संसद वीणा देवी का आवास हो गया।
ऐसी ही दुखद घटना मुंगेर के तत्कालीन संसद वीणा देवी और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के साथ घटी। अब इसे दुखद संयोग कह लें कि दोनों ही संसद लोजपा के थे और दोनों का ही नाम भी वीणा देवी ही। सांसद वीना देवी पूर्व सांसद बाहुबली सूरजभान सिंह के बेटे की मौत 27 अक्टूबर 2018 को रोड एक्सीडेंट में हुई थी। सूरजभान सिंह के बड़े बेटे आशुतोष कुमार नोएडा में रहकर एमबीए की डिग्री हासिल कर रहे थे। 27 अक्टूबर की रात आशुतोष अपनी क्रेटा गाड़ी से कहीं जा रहे थे। इस दौरान अनियंत्रित होकर उनकी गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई। इस हादसे में उनकी मौत हो गई थी।
लोजपा के सांसद रहे रामा सिंह पर पुत्र शोक का पहाड़ टूटा। दिन था 28 मई 2017। जगह यूपी का इलाहाबाद। उस दिन लोजपा के तत्कालीन सांसद और बाहुबली नेता राम किशोर उर्फ रामा सिंह के इकलौते बेटे राजीव कुमार सिंह उर्फ राहुल की मौत रोड एक्सीडेंट में हो गई। राहुल की उम्र उस समय 32 साल की थी। वह खुद अपनी होंडा सिटी कार ड्राइव कर दिल्ली जा रहे थे।
बाहुबली नेता हुलास पांडे को भी दुनिया के सबसे बड़े यानी पुत्र शोक से गुजरना पड़ा। पर इनके पुत्र की मौत रोड ऐक्सिडेंट में नहीं, हुई। अस्पताल की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार हुलास पांडेय के बेटे की बाथरूम में गिरकर मौत हुई। सिर में चोट लगी थी। हालांकि शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था। हुलास ने हादसे में महज 14 साल के बेटे को खो दिया था।
इन तमाम दुखद घटनाओं में एक बात कॉमन है। इन सभी नेताओं को लाखों लोग चाहते हैं। इनके समर्थक एक इशारे पर कुछ भी कर गुजरने को आतुर रहते हैं। वीणा देवी, राम सिंह हो या हुलास पांडेय ये ऐसे नेता हैं जिन्होंने कई साल तक लोगों की सेवा की, जिसके बाद वह राजनीति में इस मुकाम तक पहुंचे, लेकिन जब इनके बेटों पर हादसों की आफत आई तो ये असहाय हो गए। जो नेता अपने क्षेत्र के लोगों की मदद के लिए हमेशा लगे रहते हैं, वह अपने बेटे के साथ हुए हादसे पर लाचार रहे। यानी अब इनके सामने कुदरत को कोसने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह एक ऐसा दुख है जिसे उनके अलावा कोई दूसरा ना तो समझ सकता है और ना बांट सकता है।