भारत में पाया जाने वाला सफेद गालों वाला डांसिंग फ्राग (मेंढक), अंडमान स्मूथहाउंड शार्क और येलो हिमालयन फ्रिटिलरी (एक प्रकार का औषधीय पौधा) उन 29 प्रजातियों में शामलि हैं, जो विलुप्त होने के कगार पर हैं।
प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) की लाल सूची के नवीनतम आंकड़ों के हिसाब से विलुप्त होने के कगार वाले जीवों ओैर वनस्पतियों की सूची तैयार की गई है, जिसे कनाडा में सीओपी 15 जैव विविधता सम्मेलन के दौरान जारी किया गया।
आईयूसीएन विलुप्त प्राय जीवों को वर्गीकृत करने के लिए संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची का उपयोग करता है। सूची के नवीनतम आंकड़ों में चेतावनी दी गई है कि अवैध और अस्थिर रूप से मछली पकड़ने, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और बीमारियों समेत कई खतरों की वजह से अंडमान स्मूथहाउंड शार्क जैसी समुद्री प्रजातियां नष्ट हो रही हैं। शुक्रवार को जारी की गई आईयूसीएन की लाल सूची दुनिया की जैव विविधता की स्थिति के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह प्रजातियों के वैश्विक विलुप्त होने के जोखिम की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है और संरक्षण विलुप्त होने के जोखिम की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है और संरक्षण लक्ष्यों को परिभाषित करने और सूचित करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। दुनिया भर के 15,000 से अधिक वैज्ञानिक और विशेषज्ञ आईयूसीएन के इस आयोग का हिस्सा है।
विशेषज्ञों ने पाया कि भारत की भूमि, मीठे पानी और समुद्रों में पौधों, जानवरों और कवक की 9,472 से अधिक प्रजातियों में से 1,355 को लाल सूची के लिए खतरे में माना जाता है, जिन्हें गंभीर रूप से लुप्त प्राय, लुप्त प्राय या विलुप्त होने की श्रेणी में माना गया है। आईयूसीएन द्वारा साझा किये गये आंकड़ों के अनुसार भारत में विश्लेषण की गई 239 नयी प्रजातियों को इस लाल सूची में शामिल किया गया है, इनमें से 29 प्रजातियाां खतरे में हैं।
भारत के अलावा दुनिया के बाकी हिस्सों में समुद्री जीवों की संवेदनशील लुप्तप्राय प्रजातियों की आबादी, समुद्री घोघों की कई प्रजातियां और एक प्रकार के कैरेबियन प्रवाल पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। इस साल, आईयूसीएन डगोंग नामक जीव पर मंडरा रहे खतरे को लेकर सतर्क कर रहा है। डगोंग एक बड़ा और शांत समुद्री स्तनायी जीव है जो अफ्रीका के पूर्वी तट से लेकर पश्चिमी प्रशांत महासागर के बीच पाया जाता है। आईयूसीएन ने एक बयालन में कहा कि डगोंग विलुप्त होने के कगार पर हैं और अब पूर्वी अफ्रीका में उनकी आबादी गंभीर रूप से लुप्त प्रााय की श्रेणी में आ गई है। समूह ने कहा कि न्यू कैलेडोनिया में भी डगोंग की आबादी लुप्त प्राय की सूची में शामिल की गई हैं। आईयूसीएन की लाल सूची में 1,15,000 से अधिक प्रजातियां शामिल हैं। आर्सयूसीएन का कहना है कि लाल सूची में शामिल 42,000 से अधिक प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है।