Noida News : बच्चों के विकास का सीधा संबंध उनके आहार से होता है : पूनम तिवारी
नोएडा । गौतमबुद्धनगर में 25 अगस्त को पोषण पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। पाठशाला पूर्वाह्न 11 बजे से एक बजे तक चलेगी। इस पाठशाला में जिला कार्यक्रम प्रबंधक, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के लाभार्थी, गर्भवती (अंतिम त्रैमास) और धात्री माताएं प्रतिभागी होंगी। पाठशाला में ऊपरी आहार संबंधी चुनौतियों तथा उनके समाधानों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बताया – 25 अगस्त को पूर्वाह्न 11 से एक बजे तक पोषण पाठशाला एनआईसी के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी। इस कार्यक्रम की मुख्य थीम सही समय पर ऊपरी आहार है। पोषण पाठशाला में अधिकारियों के अतिरिक्त विषय विशेषज्ञ हिन्दी में चर्चा करेंगे। कॉन्फ्रेसिंग के जरिए लाभार्थियों व अन्य के प्रश्नों का उत्तर भी मिलेगा। यह कार्यक्रम वेब लिंक https://webcast.gov.in/up/icds पर लाइव वेब-कॉस्ट भी होगा। इस लिंक से कोई भी कार्यक्रम से सीधे जुड़ सकता है।
पूनम तिवारी ने बताया- जो प्रतिभागी इस कार्यक्रम में एनआईसी के माध्यम से जुड़ेंगे, उन्हें बेवकास्ट के समय विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पूछने का विकल्प होगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पूर्व में ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिन प्रतिभागियों-लाभार्थियों को प्रश्न पूछना है, उनकी सूची पहले तैयार कर लेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी जनपद के एनआईसी केन्द्र में बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं मुख्य सेविकाओं के साथ उपस्थित रहेंगे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया- बच्चों के विकास का सीधा संबंध उनके आहार से होता है। सुपोषित बचपन के लिए छह माह के बाद ऊपरी आहार की शुरुआत एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है, जिसमें परिवार सुमदाय तथा प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं विशेषत: आँगनबाड़ी कार्यकर्ता का महत्वपूर्ण योगदान है। जानकारी का अभाव, समय का अभाव, प्रचलित मान्यताएं कई ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से संपूर्ण पोषण से वंचित रह जाते हैं। इस व्यवहार की कमी छोटे बच्चों में स्टंटिंग (कम ग्रोथ) का भी एक प्रमुख कारण है।
ऊपरी आहार की महत्वता, छह माह के बाद ऊपरी आहार तथा स्तनपान से मिलने वाली ऊर्जा व प्रोटीन का महत्व, बच्चों को दिये जाने वाले खाद्य़ समूह के प्रकार, ऊपरी आहार शुरू करते समय ध्यान देने योग्य बातें, ऊपरी आहार में आने वाली समस्याएँ, कुपोषित बच्चों में खान पान संबंधी देखभाल आदि पर पोषण पाठशाला में चर्चा होगी।