नई दिल्ली। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने २८ जुलाई गुरुवार को दिल्ली के रोहिणी से सीमा सुरक्षा बल के एक पूर्व रसोइये को १०० करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक ३८ साल का यह शख्स २००४ से २००६ तक बीएसएफ में था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान में १०० करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी में शामिल इस आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के रिकार्ड के मुताबिक ये अपराधी ४६ मामलों में वांटेड था और उस पर धोखधड़ी के कुल ५९ मामले दर्ज हैं। पुलिस की गिरफ्त में आये इस शातिर आरोपी का नाम ओमाराम उर्फ राम मारवाड़ी है, जो जोधपुर का रहने वाला है।
आरोपी सिर्फ १२वीं तक पढ़ा लिखा है और साल २००४ से २००६ के बीच बीएसएफ में रसोइए के पद पर क्रास कर चुका है। जल्द से जल्द अमीर बनने के लिए उसने बीएसफ की नौकरी छो़ दी थी। इसके बाद आरोपी ने जयपुर राजस्थान में एक सुरक्षा एजेंसी खोली थी। करीब ६० लोगों को नौकरी लगवाने के बाद उसने एजेंसी किसी और को बेचकर खुद की मार्केटिंग कंसलटेंसी कंपनी बनाकर नया काम शुरू किया।
नई नई कंपनियां खोलकर की जालसाजी ज् आरोपी लगातार धोखाधड़ी कर एक के बाद एक कंपनियों को बंद करके नई-नई कंपनियां खोलता रहा। आरोपी ने एक मार्केटिंग कंपनी फर्म शुरू की थी, जिसमें ४००० रुपये देने के बदले में कमीशन देने का दावा किया जाता था। इस तरह उसने एक साल में हजारों सदस्य बना लिये आरै करीब १०० करोड़ की धोखाधड़ी करके फरार हो गया था। इसी तरह आरोपी ने २०२१ में ई-कामर्स प्लेटफार्म के जरिये भी लोगों को धोखा देकर पैसे जुटाकर चंपत हो गया। ओमाराम २०२० में रेप के मामले में भी गिरफ्तार हुआ था। राजस्थान पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित किया हुआ है। पुलिस टीम लगभग ६ महीने से उसके बारे में छानबीन कर रही थी। डीसीपी विचित्र वीर के अनुसार क्राइम ब्रांच के टीम को सूचना मिली थी कि ओसाराम रोहिणी इलाके में आने वाला है, जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस के पास उसकी तस्वीर नहीं थी पर पुलिस को यह भी पता चला है कि यह नजफगढ़ में रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद वहां से पुलिस ने उसकी फोटो हासिल की। एसीपी अनिल शर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर सतीश मलिक और एसआई जितेंद्र माथुर की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी राजस्थान पुलिस को दे दी गई है।