2024 Lok Sabha Elections : बार-बार एनडीए में शामिल होने व मोदी की तारीफ में कोई नहीं है टक्कर में कहने के बाद घट चुका है नीतीश कुमार का कद
चरण सिंह राजपूत
देश में होने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए यदि भाजपा और कांग्रेस से अलग होकर तीसरे मोर्चे का गठन होता है तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पछाड़कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पद के सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं। दरअसल नीतीश कुमार के कई बार एनडीए में शामिल होने से उनकी छवि काफी धूमिल हुई है। वैसे भी वह प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेकर विपक्ष के लिए कोई नहीं है टक्कर में वाला बयान दिया है। उधर नीतीश के खास रहे प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार की कोई बड़ी उपलब्धि न होने की बात कर उनका कद घटाया है।
उधर पश्चिम बंगाल में फैली हिंसा को लेकर ममता बनर्जी की छवि भी प्रभावित हुई है। ऐसे में केजरीवाल खुलकर मोदी सरकार को ललकार रही है। भले ही मोदी के मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे होें पर केजरीवाल पर अभी तक कोई भ्रष्टाचार आरोप नही लगा है। वैसे भी चाहे सदन हो या फिर सड़क आम आदमी पार्टी ही है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को ललकार रही है। अरविंद केजरीवाल ने ही भाजपा के गढ़ गुजरात में जाकर भाजपा को ललकारा है। कांग्रेस के साथ मिलने के लिए क्षेत्रीय दल तैयार नहीं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने केजरीवाल का नाम सबसे बड़ी चुनौती पेश करने में आ रहा है।
दरअसल जिस तरह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव के साथ मिलकर विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम छेड़ी है। उससे विपक्ष की लामबंदी को लेकर राजनीतिक हलकों में एक बहस छिड़ गई है। नीतीश कुमार ने दिल्ली में आकर कांग्रस सांसद राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, संरक्षक मुलायम सिंह यादव, इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिले हैं। बिहार पटना में जब जदयू की तीन दिवसीय मीटिंग हुई तो जदयू के नेताओं ने नीतीश कुमार से प्रधानमंत्रीपद का उम्मीदवार बनने की अपील की। हालांकि ममता बनर्जी के उखड़ने के बाद जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने स्पष्ट कर दिया कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं बल्कि विपक्ष की एकजुटता के चेहरा हैं।
यदि विपक्ष की राजनीति पर मंथन करें तो देखने को मिलता है कि भले ही नीतीश कुमार विपक्ष की एकजुटता के लिए प्रयासरत हों पर विपक्ष में प्रधानमंत्री पद का सशक्त दावेदार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरवाल को ही माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने भी अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री पद का दावेदार दर्शाना शुरू कर दिया है। वैसे भी २०२४ लोकसभा चुनाव को लेकर दो साल पहले ही विपक्ष में पीएम पद की दावेदारी को लेकर कई चेहरे सामन आ चुके हैं। एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्ष को गोलबंद करते हुए अपने लिए राष्ट्रीय भूमिका की तलाश में हैं तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी भी दावेदारी पेश कर चुकी है।
आम आदमी पार्टी ने अपने संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सबसे मजबूत उम्मीदवार बताते हुए कहा है कि 2024 में मोदी बनाम केजरीवाल की लड़ाई होगी। हाल ही में आये सी वोटर सर्वे ने आदमी पार्टी का और उत्साहित कर दिया है। एबीपी न्यूज के लिए किये गये सी वोटर के सर्वे में लोगों से पूछा गया कि 2024 में पीएम मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती कौन पेश करेगा ? केजरीवाल या नीतीश कुमार ? सर्वे में 65 फीसीदी लोगों ने कहा कि केजरीवाल पीएम मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकते हैं। वहीं 35 फीसदी लोगों ने माना कि नीतीश कुमार ज्यादा कड़ी टक्कर दे सकते हंै। हालांकि पीएम पद के लिए रेस में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, टीएमसी की ओर से ममता बनर्जी समेत कई और नाम भी हैं।
दरअसल करीब एक दशक पहले राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले अरविंद केजरीवाल इन दिनों मेक इंडिया नंबर वन कैंपेन में व्यस्त हैं। उन्होंने देशभर की यात्रा करते हुए 130 करोड़ लोगों को अपने साथ जोड़ने की बात कही है। दिल्ली और पंजाब में सरकार बना चुकी है। आप गुजरात और हिमाचल में भी विचारधारा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। पार्टी को बीजेपी की सबसे बड़े गढ़ गुजरात में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि गुजरात में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहता है तो केजरीवाल की दावेदारी को और मजबूती मिलेगी। वैसे भी हरियाणा में केजरीवाल का लगातार जनाधार बढ़ रहा है। वहां पर लगातार दूसरे दलों के नेता आम आदमी पार्टी में जा रहे हैं।
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पूरी तरह से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के कार्यप्रणाली को लेकर मोर्चा खेल रखा है। दूसरी ओर हाल ही में एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन संग सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार ने दिल्ली में आकर विपक्ष के करीब एक दर्जन नेताओं से मुलाकात की। खुद नीतीश भले ही अपने आप में पीएम पद की दावेदारी की दौड़ में बाहर बता रहे हों पर उनकी पार्टी कई ऐसे संकेत दे चुकी है जिनसे अटकलों को बल मिलता है कि 2024 में नीतीश दिल्ली का रुख कर सकते हैं।