18 शिक्षिकाओं को शिक्षा विभाग ने किया बर्खास्त, 20 और जांच के दायरे में

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 पटना। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 18 विद्यालय अध्यापिकाओं को सेवा से मुक्त कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में निर्धारित 60 फीसदी अंक प्राप्त नहीं करने के कारण शिक्षिकाओं को तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त किया गया है।
खगड़िया जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी बर्खास्त शिक्षिकाओं को तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त करने का आदेश जारी किया है। इनमें से 17 शिक्षिकाएं उत्तर प्रदेश की और 1 राजस्थान की निवासी हैं। 20 जून को इन सभी शिक्षिकाओं को शो-काज नोटिस जारी किया गया था। उनके जवाब और प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की गहन जांच के बाद सेवा से मुक्त करने का निर्णय लिया गया है।
खगड़िया जिले में 20 अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की तलवार लटक रही है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक दस्तावेजों की जांच के दौरान 58 शिक्षक संदिग्ध पाए गए थे। इन सभी को भी शोकाज नोटिस जारी किया गया था और उनके मामले की जांच चल रही है। बिहार में शिक्षक भर्ती के लिए TET में निर्धारित अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ऐसे कदम उठा रहा है।
बीपीएससी से अनुशंसित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जिसमें 58 शिक्षक संदिग्ध पाए गए थे। उन्हें शोकाज नोटिस भी जारी किया गया था। समीक्षा के बाद उन पर भी कार्रवाई संभव है।
स्पष्टीकरण और साक्ष्यों की समीक्षा के बाद खगड़िया के 18 शिक्षिकाओं को अयोग्य घोषित करते हुए सेवा से मुक्त कर दिया गया है।
खगड़िया जिले के इन 18 शिक्षिकाओं को 15 नवंबर से सेवा से मुक्त किया गया है। केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्रदर्शन मानकों के अनुरूप नहीं था, प्रमाणपत्रों की जांच में इनकी अर्हता में कमी पाई गई, जिसके आधार पर शिक्षा विभाग ने कठोर कदम उठाते हुए अयोग्य घोषित करते हुए सेवा से मुक्त कर दिया सरकार ने कहा है कि वह शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए कदम उठाएगी।

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