द न्यूज 15
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के छतरपुर मेट्रो स्टेशन के बाहर यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई। सोमवार को सप्ताह का पहला वर्किंग डे और ड्यूटी टाइम होने के चलते मेट्रो स्टेशन में एंट्री के लिए करीब 1 किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है। इसके चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, मेट्रो यात्रियों को सोमवार को सफर से ज्यादा समय स्टेशन के बाहर लगी लंबी कतारों में गुजारना पड़ा। कोविड पाबंदियों से मिली राहतों के बाद सोमवार को जब सड़कों पर भीड़ बढ़ी तो पीक आवर्स में मेट्रो स्टेशन के बाहर लंबी कतारें गईं। छतरपुर, लक्ष्मी नगर, वैशाली, अक्षरधाम समेत कई स्टेशनों पर लोगों को 40 से 45 मिनट तक कतार में इंतजार करने के बाद मेट्रो स्टेशनों के अंदर प्रवेश मिला। यात्रियों का कहना है कि स्टेशनों के गेट बंद होने के कारण लंबी कतारें लग रही है। अगर सारे गेट खोल दिए जाएं तो भीड़ कम हो जाएगी।
मेट्रो स्टेशनों के 66 फीसदी गेट ही खुले :
मेट्रो के मुताबिक, सभी मेट्रो स्टेशन पर कुल 712 प्रवेश व निकास गेट हैं, लेकिन यात्रियों की संख्या को लेकर पाबंदी के चलते अभी सभी गेट नहीं खोले गए हैं। मेट्रो में खड़े होकर यात्रा पर भी पाबंदी है। सिर्फ फुल सीटिंग क्षमता से ही मेट्रो ट्रेन चल सकती है, इसलिए स्टेशन व ट्रेन के अंदर भीड़ ना हो, इसलिए मेट्रो कुल 66 फीसदी यानि 475 मेट्रो गेट ही प्रवेश व निकास के लिए प्रयोग कर रही है। इसके चलते पीक आवर्स में कुछ भीड़ वाले स्टेशनों पर लंबी कतार लग जाती है। बाकी दिनभर किसी भी स्टेशन पर कतार नहीं लगती है।
कोरोना केसों में कमी होने के बावजूद दिल्ली सरकार द्वारा अभी तक बसों और मेट्रो ट्रेनों में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं दिए जाने के चलते प्रतिदिन यात्रियों को अपने दफ्तर और काम पर जाने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती हैं। इसके चलते अक्सर सुबह और शाम के वक्त मेट्रो स्टेशनों और बस स्टॉप पर यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है।
गौरतलब है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 4 फरवरी को अपनी बैठक में राजधानी में नाइट कर्फ्यू की अवधि एक घंटे घटाकर रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर दी थी। नाइट कर्फ्यू के कारण गैर-जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों को रात 8 बजे तक ही खोलने की अनुमति है। डीडीएमए ने कक्षा 9 से 12 के लिए 7 फरवरी से और नर्सरी से कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए 14 फरवरी से स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दी है। इसके अलावा, डीडीएमए ने सभी सरकारी और निजी दफ्तरों को 100 प्रतिशत क्षमता पर काम करने की अनुमति दी थी। कुछ प्रतिबंधों के साथ जिम को भी फिर से खोलने की अनुमति दी गई थी। भले ही दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी आई हो, लेकिन अब भी कई प्रतिबंध जैसे नगरपालिका क्षेत्र में केवल एक साप्ताहिक बाजार की अनुमति देना, बसों और मेट्रो ट्रेनों में खड़े होकर यात्रा नहीं करना और रेस्तरां, बार और सिनेमाघरों में बैठने की क्षमता पर 50 प्रतिशत की सीमा बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार, मेट्रो यात्रियों को सोमवार को सफर से ज्यादा समय स्टेशन के बाहर लगी लंबी कतारों में गुजारना पड़ा। कोविड पाबंदियों से मिली राहतों के बाद सोमवार को जब सड़कों पर भीड़ बढ़ी तो पीक आवर्स में मेट्रो स्टेशन के बाहर लंबी कतारें गईं। छतरपुर, लक्ष्मी नगर, वैशाली, अक्षरधाम समेत कई स्टेशनों पर लोगों को 40 से 45 मिनट तक कतार में इंतजार करने के बाद मेट्रो स्टेशनों के अंदर प्रवेश मिला। यात्रियों का कहना है कि स्टेशनों के गेट बंद होने के कारण लंबी कतारें लग रही है। अगर सारे गेट खोल दिए जाएं तो भीड़ कम हो जाएगी।
मेट्रो स्टेशनों के 66 फीसदी गेट ही खुले :
मेट्रो के मुताबिक, सभी मेट्रो स्टेशन पर कुल 712 प्रवेश व निकास गेट हैं, लेकिन यात्रियों की संख्या को लेकर पाबंदी के चलते अभी सभी गेट नहीं खोले गए हैं। मेट्रो में खड़े होकर यात्रा पर भी पाबंदी है। सिर्फ फुल सीटिंग क्षमता से ही मेट्रो ट्रेन चल सकती है, इसलिए स्टेशन व ट्रेन के अंदर भीड़ ना हो, इसलिए मेट्रो कुल 66 फीसदी यानि 475 मेट्रो गेट ही प्रवेश व निकास के लिए प्रयोग कर रही है। इसके चलते पीक आवर्स में कुछ भीड़ वाले स्टेशनों पर लंबी कतार लग जाती है। बाकी दिनभर किसी भी स्टेशन पर कतार नहीं लगती है।
कोरोना केसों में कमी होने के बावजूद दिल्ली सरकार द्वारा अभी तक बसों और मेट्रो ट्रेनों में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं दिए जाने के चलते प्रतिदिन यात्रियों को अपने दफ्तर और काम पर जाने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती हैं। इसके चलते अक्सर सुबह और शाम के वक्त मेट्रो स्टेशनों और बस स्टॉप पर यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है।
गौरतलब है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 4 फरवरी को अपनी बैठक में राजधानी में नाइट कर्फ्यू की अवधि एक घंटे घटाकर रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर दी थी। नाइट कर्फ्यू के कारण गैर-जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों को रात 8 बजे तक ही खोलने की अनुमति है। डीडीएमए ने कक्षा 9 से 12 के लिए 7 फरवरी से और नर्सरी से कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए 14 फरवरी से स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दी है। इसके अलावा, डीडीएमए ने सभी सरकारी और निजी दफ्तरों को 100 प्रतिशत क्षमता पर काम करने की अनुमति दी थी। कुछ प्रतिबंधों के साथ जिम को भी फिर से खोलने की अनुमति दी गई थी। भले ही दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी आई हो, लेकिन अब भी कई प्रतिबंध जैसे नगरपालिका क्षेत्र में केवल एक साप्ताहिक बाजार की अनुमति देना, बसों और मेट्रो ट्रेनों में खड़े होकर यात्रा नहीं करना और रेस्तरां, बार और सिनेमाघरों में बैठने की क्षमता पर 50 प्रतिशत की सीमा बनी हुई है।