नई दिल्ली । एक जनवरी को भी गत पिछले 5 दशकों से लगातार आयोजित होते आ रहे उत्सव को परम्परा अनुसार “समाजवादी समागम” के तत्वाधान में मनाया गया। “इस परम्परा के जनक हिन्द मजदूर सभा के पूर्व महासचिव एवं समाजवादी आंदोलन के नेता स्व० बृजमोहन तूफ़ान जी” थे..उत्सव की श्रृंखला को आज भी “हिन्द मजदूर सभा के वर्तमान महासचिव कॉमरेड सरदार हरभजन सिंह सिद्दू जी” जारी रखे हुए है, जिसकी अध्यक्षता सदैव “पूर्व विधायक व दिल्ली सदन के पूर्व नेता, वरिष्ठ समाजवादी प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन जी” की रही तो वहीँ कार्येक्रम का सञ्चालन “डॉ० अनिल ठाकुर जी” ने संभाला..कार्येक्रम के प्रबंधन की जिम्मेदारी “पूर्व पार्षद राकेश कुमार जी की रही”..!
3 घंटे चले इस उत्सवि कार्येक्रम को बड़े ही अनुशासन द्वारा यानि समय की सीमा में रहकर लगभग सभी वक्ताओं ने अपने अपने विचार आज की बिगड़ी हुई राजनीतिक-सामाजिक हालातों पर रखे..मजदूर, किसान, दस्तकार, लघु उद्यमी, दलित, पिछड़े, शोषित, उपेक्षित, वंचित, महिला, युवा, छात्रों सहित संगठन की मजबूती और सदस्यता अभियान और भविष्य के कार्येक्रमों पर सभी के सुझाब सरहानीय रहे..प्रोफ० अजीत झा जी, ने संगठन के नव-स्वरुप पर कार्येक्रमों को बल दिया..पूर्व पार्षद राकेश कुमार ने दिल्ली में सभी दलों द्वारा लोकलुभावन घोषणाओं को रेबड़ी बांटने समान कहते हुए विरोध किया..श्री अरुण श्रीवास्तव जी ने चुनावों में चुनाव आयोग द्वारा खर्चे की राशि को अत्यधिक बताकर लोकतंत्र में गरीब और योगय उम्मीदवारों का मजाक बनवा दिया पर बल दिया..श्री संजय कनौजिया ने अपने सम्बोधन में देश के कई अन्य राज्यों में समाजवादी विचारधारा की विलुप्ति पर चिंता प्रकट करते हुए संगठन की मजबूती और सदस्य्ता अभियान के शुरुआत पर बल दिया और कहा की एक साधारण कार्येकर्ता सदस्यता अभियान की अधिकतम कॉपियों में सदस्य बनवाकर सक्रिय कार्येकर्ता होता है, तो एक साधारण कार्येकर्ता अपने कार्येक्रमों के आधार पर भी सक्रिय कार्येकर्ता होता है..कॉपियों के शुल्क और कार्येक्रमों के अंक भी, पूँजी समान होते है..हमें समाजवाद को बचाने की चुनौती ही नहीं मिली बल्कि देशभर में कैसे समाजवाद को धरातल पर मजबूत किया जाए उसके मुक़ाबले की जरुरत है..श्री श्याम गंभीर जी ने भी अपने वक्तव्यों में वर्ष 2024 के समागम द्वारा आयोजित कार्येक्रमों को क्रमबद्ध रखा..!
हिन्द मजदूर सभा के महेंद्र शर्मा जी, पूर्व विधायक प्रो० हरीश खन्ना जी, श्री विजय प्रताप जी, श्री रमेश जी, श्रीमती मंजू मोहन जी, पार्षद श्रीमती किरणबाला जी, कु० रीता जी, श्रीमती राधारानी जी, तिब्बत आंदोलन के नेता आचार्य यशी पन्टोक जी, श्री शशिभूषण (धोबी) जी डॉ० अरमान अंसारी जी, श्री सुशील खन्ना जी ने भी अपने अपने विचार रखे..अंत में कॉमरेड हरभजन सिद्धू जी ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार द्वारा सभी सरकारी और पी.एस.यू संस्थानों को बेचकर नौकरियों के अवसर ध्वस्त कर डाले, जिसके कारण बेरोजगारी में युवाओं का भविष्य संकट में आ गया है वही नेशनल मिनिमम-बेज पर अपनी चिंता को व्यक्त कर विस्तार से सभी साथियों को समझाया..अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रो० राजकुमार जैन जी ने कहा कि खून का रिश्ता तो फिर भी किसी न किसी बहाने टूट जाता है लेकिन विचार का रिश्ता सदैव अटूट रहता है यही रिश्ता ही तो है की 1948 में, हम सब के नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी, ने हिन्द मजदूर सभा को बनाया था..जिसकी आज एक करोड़ की मेंबरशिप हो चुकी है जिसका श्रेय कॉमरेड हरभजन सिंह सिद्दू जी को जाता है..प्रोफ० जैन साहब ने समाजवाद क्या है पर बड़ा ही खूबसूरत प्रकाश डाला उन्होंने कहा समता, सामान, बराबरी का सिद्धांत ही समाजवाद की परिभाषा है..एक तरफ अम्बानी की पत्नी डेढ़ सो करोड़ का हार पहनकर बेशर्मी दिखाती है वही हमारी गरीब महिलाओं को पहनने के लिए धोती भी नसीब नहीं होती समाजवाद का यही सिद्धांत है कि वह गरीब नारी भी अम्बानी की पत्नी की तरह हार पहनने की स्थिति में आये वही समानता होगी उसी को समाजवाद कहा जायेगा..समाजवाद हर मजहब-जाति में भी बराबरी चाहता है..आज से 60 वर्ष पूर्व हमारे समाजवादी परिवार के मुखिया स्व० राजनारायण जी, जो जाति से भूमियार थे, लेकिन उन्होंने काशीविश्वनाथ में दलितों के प्रवेश जो निषेद था अपने दलित लोगो को लेकर संघर्ष किया और कहा की मंदिर में सभी जायेगें तभी समानता आएगी..प्रोफ० जैन साहब ने धर्म के प्रति केंद्र सरकार के उन्माद की कड़ी आलोचना करते हुए मोदी सरकार को ललकारा..!
कार्यक्रम में महिलाओं और युवाओं की उपस्थिति सरहानीय रही..श्रीमति कांता देवी जी, श्रीमती विमलेश जाटव जी, कु० आरती कश्यप जी, श्री राजकुमार कनौजिया जी, श्री चमन लाल नागर जी, श्री विजय गौतम जी, एडवो० एस एस नेहरा जी, मो० शहीद गंगोई जी, श्री एम.एल चंचल जी, श्री वीरू धोबी जी, श्री नन्द कुमार जी श्री पी.सी बैठा जी आदि अपने अपने साथियों सहित उपस्थित हुए..जलपान लगातार चलता रहा और हिन्द मजदूर सभा की ओर से नव-वर्ष के कैलेंडर बांटे गए..!!
3 घंटे चले इस उत्सवि कार्येक्रम को बड़े ही अनुशासन द्वारा यानि समय की सीमा में रहकर लगभग सभी वक्ताओं ने अपने अपने विचार आज की बिगड़ी हुई राजनीतिक-सामाजिक हालातों पर रखे..मजदूर, किसान, दस्तकार, लघु उद्यमी, दलित, पिछड़े, शोषित, उपेक्षित, वंचित, महिला, युवा, छात्रों सहित संगठन की मजबूती और सदस्यता अभियान और भविष्य के कार्येक्रमों पर सभी के सुझाब सरहानीय रहे..प्रोफ० अजीत झा जी, ने संगठन के नव-स्वरुप पर कार्येक्रमों को बल दिया..पूर्व पार्षद राकेश कुमार ने दिल्ली में सभी दलों द्वारा लोकलुभावन घोषणाओं को रेबड़ी बांटने समान कहते हुए विरोध किया..श्री अरुण श्रीवास्तव जी ने चुनावों में चुनाव आयोग द्वारा खर्चे की राशि को अत्यधिक बताकर लोकतंत्र में गरीब और योगय उम्मीदवारों का मजाक बनवा दिया पर बल दिया..श्री संजय कनौजिया ने अपने सम्बोधन में देश के कई अन्य राज्यों में समाजवादी विचारधारा की विलुप्ति पर चिंता प्रकट करते हुए संगठन की मजबूती और सदस्य्ता अभियान के शुरुआत पर बल दिया और कहा की एक साधारण कार्येकर्ता सदस्यता अभियान की अधिकतम कॉपियों में सदस्य बनवाकर सक्रिय कार्येकर्ता होता है, तो एक साधारण कार्येकर्ता अपने कार्येक्रमों के आधार पर भी सक्रिय कार्येकर्ता होता है..कॉपियों के शुल्क और कार्येक्रमों के अंक भी, पूँजी समान होते है..हमें समाजवाद को बचाने की चुनौती ही नहीं मिली बल्कि देशभर में कैसे समाजवाद को धरातल पर मजबूत किया जाए उसके मुक़ाबले की जरुरत है..श्री श्याम गंभीर जी ने भी अपने वक्तव्यों में वर्ष 2024 के समागम द्वारा आयोजित कार्येक्रमों को क्रमबद्ध रखा..!
हिन्द मजदूर सभा के महेंद्र शर्मा जी, पूर्व विधायक प्रो० हरीश खन्ना जी, श्री विजय प्रताप जी, श्री रमेश जी, श्रीमती मंजू मोहन जी, पार्षद श्रीमती किरणबाला जी, कु० रीता जी, श्रीमती राधारानी जी, तिब्बत आंदोलन के नेता आचार्य यशी पन्टोक जी, श्री शशिभूषण (धोबी) जी डॉ० अरमान अंसारी जी, श्री सुशील खन्ना जी ने भी अपने अपने विचार रखे..अंत में कॉमरेड हरभजन सिद्धू जी ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार द्वारा सभी सरकारी और पी.एस.यू संस्थानों को बेचकर नौकरियों के अवसर ध्वस्त कर डाले, जिसके कारण बेरोजगारी में युवाओं का भविष्य संकट में आ गया है वही नेशनल मिनिमम-बेज पर अपनी चिंता को व्यक्त कर विस्तार से सभी साथियों को समझाया..अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रो० राजकुमार जैन जी ने कहा कि खून का रिश्ता तो फिर भी किसी न किसी बहाने टूट जाता है लेकिन विचार का रिश्ता सदैव अटूट रहता है यही रिश्ता ही तो है की 1948 में, हम सब के नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी, ने हिन्द मजदूर सभा को बनाया था..जिसकी आज एक करोड़ की मेंबरशिप हो चुकी है जिसका श्रेय कॉमरेड हरभजन सिंह सिद्दू जी को जाता है..प्रोफ० जैन साहब ने समाजवाद क्या है पर बड़ा ही खूबसूरत प्रकाश डाला उन्होंने कहा समता, सामान, बराबरी का सिद्धांत ही समाजवाद की परिभाषा है..एक तरफ अम्बानी की पत्नी डेढ़ सो करोड़ का हार पहनकर बेशर्मी दिखाती है वही हमारी गरीब महिलाओं को पहनने के लिए धोती भी नसीब नहीं होती समाजवाद का यही सिद्धांत है कि वह गरीब नारी भी अम्बानी की पत्नी की तरह हार पहनने की स्थिति में आये वही समानता होगी उसी को समाजवाद कहा जायेगा..समाजवाद हर मजहब-जाति में भी बराबरी चाहता है..आज से 60 वर्ष पूर्व हमारे समाजवादी परिवार के मुखिया स्व० राजनारायण जी, जो जाति से भूमियार थे, लेकिन उन्होंने काशीविश्वनाथ में दलितों के प्रवेश जो निषेद था अपने दलित लोगो को लेकर संघर्ष किया और कहा की मंदिर में सभी जायेगें तभी समानता आएगी..प्रोफ० जैन साहब ने धर्म के प्रति केंद्र सरकार के उन्माद की कड़ी आलोचना करते हुए मोदी सरकार को ललकारा..!
कार्यक्रम में महिलाओं और युवाओं की उपस्थिति सरहानीय रही..श्रीमति कांता देवी जी, श्रीमती विमलेश जाटव जी, कु० आरती कश्यप जी, श्री राजकुमार कनौजिया जी, श्री चमन लाल नागर जी, श्री विजय गौतम जी, एडवो० एस एस नेहरा जी, मो० शहीद गंगोई जी, श्री एम.एल चंचल जी, श्री वीरू धोबी जी, श्री नन्द कुमार जी श्री पी.सी बैठा जी आदि अपने अपने साथियों सहित उपस्थित हुए..जलपान लगातार चलता रहा और हिन्द मजदूर सभा की ओर से नव-वर्ष के कैलेंडर बांटे गए..!!