तुरकौलिया। प्रखंड परिसर के सभागार भवन में चमकी बुखार/मस्तिष्क ज्वर को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया गया। जहां बीसीएम विमलेंदु शेखर, बीसी आईसीडीएस मृगांक राज, यूनिसेफ के रमाकांत प्रसाद, एलएस किशोरी कुमारी व मंजू कुमारी द्वारा करीब 65-70 आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान चमकी बुखार से बचाव का उपाय बताया गया। जहां प्रशिक्षकों ने बताया कि रात में बच्चे को खाली पेट नही सुलाना है। खाना खिलाने के बाद कुछ मीठा सामान भी खिलाना है। क्योंकि चमकी बुखार होने पर शुगर लेवल गिर जाता है। रात में उठकर बच्चों को देखना है कि कहीं बच्चा बुखार के कारण बेहोशि तो नही है। बुखार आने पर ताजा पानी से कपड़े को गिला करके बदन को पोछना है और पारासिटामोल का टैबलेट देना है। धूप में बच्चों को नही जाने देना है। पेड़ से गिरे या जुठा फल बच्चे को नही खिलाना है। इन सभी बातों का ख्याल रखना है। चमकी बुखार का लक्षण दिखने पर अस्पताल आने के लिए एंबुलेंस या मुख्यमंत्री परिवहन योजना का सहारा लेना है या किराए पर गाड़ी लेकर बच्चा को तुरंत अस्पताल लाना है। चमकी बुखार साबित होने पर किराया दे दिया जाएगा। जेई/ एईएस को लेकर अस्पताल में दो बेड का एसी वार्ड बनाया गया है। जहां 24 घंटे डॉक्टर व नर्स की व्यवस्था की गई है। साथ यह भी बताया गया कि बच्चों को धूप में नहीं घूमने जाने देना है। पेड़ से गिरा हुआ कच्चा या जूठा फल नहीं खिलाना है। शिविर में प्रभा कुमारी, उमा देवी, नुरनेशा, गीता देवी, किसमति देवी, सुनिता देवी, मारोछो देवी, विद्यावती देवी, मधू देवी, चंदा देवी, रिता देवी आदि सेविका मौजूद थे।
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