चरण सिंह
लोकसभा को लेकर आये एग्जिट पोल को लेकर जहां एनडीए गदगद है वहीं इंडिया गठबंधन के नेता नाराज हैं। अधिकतर एग्जिट पोल में एनडीए को प्रचंड बहुमत दिखाया गया है। एग्जिट पोल के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसदी और प्रधानमंत्री पद की हैट्रिक लगाने जा रहे हैं। हालांकि देशबंधु अखबार और वेबसाइट के एग्जिट पोल में इंडिया गठबंधन को बहुमत दिखाया गया है। उत्तर प्रदेश को लेकर दिखाये गये एग्जिट पोल को लेकर अखिलेश यादव ने एक्स हैंडिल पर एक पोस्ट कर इन एग्जिट पोल का आधार पर ईवीएम नहीं डीएम बताया है। उन्होंने एक तरह से जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि जनशक्ति से बड़ा कोई नहीं होता। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने कार्यकर्ताओं से अपनी निगाहें ईवीएम पर गड़ाने के लिए बोला है।
टीएमसी की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने भी अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दे दिये हैं कि ईवीएम पर डटे रहना है। उन्होंने कहा है कि यदि ईवीएम में गड़बड़ी होने से रोक लिया गया तो मोदी का जाना तय है। बिहार में तेजस्वी यादव ने भी एग्जिट पोल को नकार दिया है। 4 तारीख को होने वाली मतगणना में मोदी सरकार से निपटने के लिए विपक्ष ने पूरी तरह से कमर कस ली है। देखने की बात यह भी है कि विपक्ष के अनुसार मतगणना में उनके एजेंटों को जाने से रोका जा सकता है। ऐसे में देश में बवाल हो जाने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
दरअसल विपक्ष इस बार एनडीए की सरकार को पचाने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश कहा है कि जो व्यक्ति 4 जून को जा रहा है उसी ने ये एग्जिट पोल कराये हैं। विपक्ष की गुप्त बैठकें चल रही हैं। मतगणना के दिन विपक्ष ने अपने कार्यकर्ताओं से मुस्तैदी से मतगणना केंद्रों पर डटने को कहा है। उधर कांग्रेस नेता अजय माकन ने मतगणना प्रक्रिया को लेकर बनाए एक नये नियम पर विरोध जताया है। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहली बार सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) की मेज पर मतगणना प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को अनुमति नहीं दी जाएगी। मतलब यदि मतगणना एजेंटों को मतगणना स्थल पर जाने की अनुमति नहीं होगी तो कुछ भी गड़बड़झाला हो सकता है।
ऐसे में विपक्ष किसी भी हालत में चुनाव आयोग का यह नियम नहीं मानेगा। ऐसे में देश में बवाल मचने की पूरी आशंका है। विपक्ष का कहना है कि यह एग्जिट पोल मतगणना में होने वाली गड़बड़ी को मैनेज करने के लिए ही कराया गया है। तो क्या विपक्ष चार जून को आर-पार की लड़ाई के मूड में है। क्या यदि मतगणना में भी एनडीए को प्रचंड बहुमत मिल जाता है तो इंडिया गठबंधन के नेता इसे पचा लेंगे ?
मतलब उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली समेत दक्षिण और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में चुनाव आयोग की सख्ती और इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं की मतगणना स्थल पर पूरी तरह से मुस्तैदी माहौल खराब होने के संकेत द रही है।
प्रधानमंत्री ने न केवल आर्मी चीफ मनोज पांडेय को सेवा विस्तार दे दिया बल्कि संसद की सुरक्षा भी बदल दी। पहले १७०० से जवान संसद की सुरक्षा में लगाये गये थे अब ३२ सौ जवानों के संसद पर लगाने की बात सामने आ रही है। मतलब प्रधानमंत्री को अंदेशा है कि देश में इतना बड़ा बवाल मच सकता है कि हो सकता है बवाल से निपटने के लिए सेना का भी सहारा लेना पड़े। दरअसल चार जून को बवाल मचने का बड़ा कारण यह भी है कि कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं।