चरण सिंह
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल दावा करते हैं कि वह दूसरे दलों से हटकर काम कर रहे हैं। वह दिल्ली को पेरिस बनाने की बात करते हैं। वह दिल्ली की शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था को दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल होने की बात करते हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जब आम आदमी पार्टी की सरकार इतना काम कर रही है तो फिर ये फ्री की योजनाओं की भरमार क्यों ?
आप सरकार ने बिजली-पानी फ्री, राशन फ्री, महिलाओं के लिए बसों में सफर फ्री। महिलाओं के लिए एक हजार की योजना अलग से। चुनाव के बाद 2100 रुपए देने की बात कर रहे हैं। क्योंकि मौलवियों को 18000 रुपए वेतन दे रहे हैं तो पुजारियों और ग्रंथियों को भी 18000 रुपए वेतन देने की घोषणा कर दी। वह बात दूसरी है कि मौलवी 6 महीने से वेतन न मिलने का आरोप आप सरकार पर लगा रहे हैं। केजरीवाल को इससे भी कोई मतलब नहीं कि यह पैसा आएगा कहां से ? केजरीवाल को इससे भी कोई मतलब नहीं कि उन्होंने यह जो फ्री की योजनाओं की आदत जनता और नेताओं में डाली है, इससे देश कहां जाएगा ? क्या केजरीवाल लोगों को निठल्ला नहीं बना रहे हैं ? क्या पार्टियों में काम करने के बजाय फ्री की योजनाओं की घोषणा करने प्रवत्ति नहीं बढ़ा रहे हैं ? दरअसल केजरीवाल की इस तरह की योजनाओं से साबित हो रहा है कि आप सरकार फ्री की योजनाओं के दम पर दिल्ली पर राज कर रही है। जनता के लिए काम करने से आप नेताओं को कुछ लेना देना नहीं है। इस ही अब दूसरे दल भी करने लगे हैं। मतलब देश में सभी दलों की ओर से फ्री की योजनाओं की घोषणा करने की भरमार होने वाली है। पार्टियों के घोषणा इस इस तरह की फ्री की योजनाओं से पटने वाले हैं। दरअसल इस तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट को स्वत संज्ञान लेना चाहिए। यदि पार्टियों को फ्री की योजनाएं चलानी ही हैं तो अपने चंदे के पैसे से चलाएं। जनता के टैक्स के पैसे को इस तरह उड़ाने से क्या देश का विकास हो जाएगा ? क्या एक दिन फ्री की योजनाओं से देश कंगाल नहीं हो जाएगा ? क्या जनता में फ्री की योजनाओं के प्रति लालच और राजनीतिक दलों में काम करने के बजाय फ्री की योजनाओं को बढ़ाने की प्रवत्ति नहीं बढ़ जाएगी ? यह केजरीवाल की फ्री की योजनाओं का असर ही है कि अब हर चुनाव में फ्री की योजनाओं की भरमार होती जा रही है। मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना, महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना, झारखंड में मैया सम्मान योजना के बल पर सरकार बनी। लोकसभा चुनाव में सपा की 37 तो कांग्रेस की 100 सीटों के लाने कांग्रेस का सभी वर्गों को खुश करने का घोषणा पत्र बनाने का बड़ा रोल रहा। अब बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने माई-बहिन मान योजना की घोषणा कर दी है। बिहार में सरकार बनने पर तेजस्वी ढाई हजार रुपए प्रति माह देने की बात कर रहे हैं। मतलब फ्री की योजनाएं चलाते रहो और राज करते रहो। फ्री की योजनाओं की घोषणा करने वाले दलों से सुप्रीम कोर्ट को यह पूछना चाहिए कि क्या यह पैसा ये अपनी संपत्ति बेचकर लाएंगे ? क्या इस तरह की योजनाएं देश का बंटाधार नहीं कर देंगी ? ऐसे में कोई ने संघर्ष क्यों करेगा ? क्यों जनता के लिए काम करेगा ?