गुजरात बाढ़ में 28 की मौत, मौसम की मार से हर ओर हाहाकार

देश के कई हिस्सों में इन दिनों मूसलाधार बारिश (Gujarat Rain Alert) हो रही है. गुजरात का तो बुरा हाल है. क्या अहमदाबाद, क्या सूरत और क्या वडोदरा, हर जगह जलमग्न हो गई है. लगातार हो रही बारिश की वजह से कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं. वहीं सड़कों पर पानी भरा हुआ है. जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है. आज भी तेज बारिश का अनुमान मौसम विभाग ने जारी किया है. मौसम विभाग ने गुजरात के कच्छ, जामनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर जिलों में बारिश का रेड अलर्ट (Rain Alert) जारी किया है. इसके साथ ही तेज बारिश और तूफान की भी संभावना है. वहीं सुरेंद्रनगर, अमरेली, गिर और सोमनाथ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

बनासकांठा, पाटन, साबर कांथा, महेसाणा अरावली, गांधीनगर, अहमदाबाद, भावनगर, महिसागर, दाहोद, पंचमहल, खेड़ा, आनंद, वडोदरा के साथ ही गुजरात के  अन्य  छोटे जिलों मे भी हल्की  बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. बारिश की वजह से कृष्ण नगरी द्वारका का भी बुरा हाल है. पिछले 2 दिनों से हो रही भयंकर बारिश की वजह से लोगों के घरों में पानी घुस गया है. NDRF इंस्पेक्टर मंजीत ने कहा, “पिछले 2 दिनों में द्वारका में भारी बारिश हुई है.लोंगों के घरों में पानी घुस गया है.हमारी टीम ने अब तक 95 लोगों को रेस्क्यू किया है. ”

बारिश की वजह से बाढ़ के हालात

गुजरात के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है. वहीं वडोदरा में लगातार भारी बारिश के बाद शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया है. वड़ोदरा में कीर्ति मंदिर सरकारी क्वार्टर में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है,  क्योंकि भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति में कई लोग फंसे हुए हैं. बारिश से संबंधित घटनाओं में 19 और लोगों की मौत हो गई, जिससे तीन दिन में मरने वालों की तादात बढ़कर 26 हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों में बुधवार को लगातार चौथे दिन भी भारी बारिश रही. वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 17,800 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.

वडोदरा में रिहायशी इलाकों में पहुंचा पानी

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जान गंवाने वालों में वे सात लोग शामिल हैं, जो रविवार को मोरबी जिले के हलवद तालुका के धवना गांव के पास एक पुल को पार करते समय एक ट्रैक्टर ट्रॉली के बह जाने के बाद लापता हो गए थे. इस पुल से होकर पानी बह रहा था. उनके शव बरामद कर लिए गए हैं. वडोदरा में बारिश थमने के बावजूद, शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी का पानी खतरे के निशान को पार कर रिहायशी इलाकों में घुस गया. जिसकी वजह से निचले इलाकों में जलजमाव हो गया और इमारतें, सड़कें और वाहन पानी में डूब गए

गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातचीत करके स्थिति का जायजा लिया और इस संकट से निपटने के लिए राज्य को केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. बुधवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों में शाम 6 बजे तक 12 घंटे की अवधि में 50 मिलीमीटर से लेकर 200 मिलीमीटर तक बारिश हुई. इस अवधि के दौरान देवभूमि द्वारका जिले के भानवद तालुका में 185 मिलीमीटर बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है. आईएमडी ने गुरुवार को सौराष्ट्र जिलों के अलग-अलग हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान जताया है.

रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी NDRF-SDRF

अधिकारियों ने बताया कि वडोदरा शहर में घरों और छतों में फंसे लोगों को NDRF, SDRF और सेना की तीन टुकड़ियों ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.  मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वडोदरा में अब तक 5,000 से अधिक लोगों को निकाला गया और 1,200 अन्य लोगों को बचाया गया है. बुधवार को शहर में सेना की तीन अतिरिक्त टुकड़ियां और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टुकड़ियां तैनात की गईं.

मुख्यमंत्री पटेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ का पानी कम होते ही वडोदरा शहर में सफाई उपकरण तैनात किए जाएं और कीटाणुनाशक का छिड़काव किया जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए अहमदाबाद और सूरत के नगर निगमों और भरूच और आणंद की नगर पालिकाओं से टीमों को वडोदरा में तैनात किया जाए. मुख्यमंत्री ने वडोदरा में बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता के लिए एनडीआरएफ की पांच अतिरिक्त टीमों और सेना की चार टुकड़ियों को तैनात करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि अहमदाबाद और सूरत से बाढ़ प्रभावित शहर में अतिरिक्त बचाव नौकाएं भी भेजी जानी चाहिए.

सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए जा रहे लोग

अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बारिश से तबाह हुए इलाकों में बचाव और राहत अभियान चला रहे हैं, जिसमें अब तक करीब 17,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और 2,000 लोगों को बचाया गया है. पिछले तीन दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 26 लोगों की मौत हो चुकी है. ये मौतें राजकोट, आणंद, महिसागर, खेड़ा, अहमदाबाद, मोरबी, जूनागढ़ और भरूच जिलों से हुई हैं.

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