अमेरिका में बाइडेन के खिलाफ सड़क पर उतरे मुस्लमान

अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले है। अमेरिका के प्रेसिडेंट जो बाइडेन एक बार फिर से चुनाव लड़ने का एलान कर चुके है। अमेरिकी मुस्लिम बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक माने जाते हैं। हालांकि, गाजा में करीब चार महीने से जारी इजराइल-हमास की जंग के चलते डेमोक्रेट पार्टी का यह वोट उससे दूर होता जा रहा है।कुछ महीने पहले अमेरिकी मुस्लिमों के संगठन ने बाइडेन को इजराइल के गुनाह में बराबर का हिस्सेदार बताया था। अब मिशिगन राज्य के नेताओं ने तो डेमोक्रेट पार्टी के नेताओं की टीम से मिलने से ही इनकार कर दिया है।

अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बाइडेन की री-इलेक्शन टीम अरब मूल के अमेरिकी मुस्लिम नेताओं के साथ मिशिगन में मीटिंग करना चाहती थी। यह मीटिंग शनिवार को तय थी और पूरा प्लान तैयार हो चुका था। ऐन वक्त पर मिशिगन के इन नेताओं ने बाइडेन की टीम को बताया कि वो मीटिंग नहीं करना चाहते।डियरबॉर्न शहर के मेयर अब्दुल्लाह हमाद ने कहा- इस तरह की बातचीत तब अच्छी होती है, जब हम पॉलिसीज बनाते हैं या उनके बारे में बात करते हैं। जाहिर सी बात है पॉलिसी के बारे में हम कैम्पेन टीम से बातचीत नहीं कर सकते। यह काम तो सरकार के नुमाइंदों के साथ हो सकता है। मैं ऐसी किसी बातचीत के फेवर में नहीं हूं जिसमें इलेक्शन के बारे में डिस्कस किया जाए। वो भी तब जबकि गाजा के नरसंहार को हम लाइव देख रहे हैं। एक और नेता ने कहा- यह वक्त सियासत का नहीं है। अगर बाइडेन और उनकी टीम वास्तव में गंभीर हैं तो सबसे पहले गाजा में नरसंहार रोका जाए, वहां सीजफायर में देर नहीं होनी चाहिए।

नवंबर 2023 में अमेरिका के कुछ मुस्लिम लीडर्स और अरब-अमेरिकन ग्रुप के सदस्यों ने कहा था कि राष्ट्रपति बाइडेन गाजा में सीजफायर के लिए तुरंत कदम उठाएं। उन्होंने शर्त रखी थी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो 2024 के चुनाव के लिए उनको मिलने वाली फंडिंग बंद कर देंगे और बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी को वोट भी नहीं देंगे। इसके कुछ दिन पहले ही बाइडेन ने नेशनल मुस्लिम डेमोक्रेटिक काउंसिल के सदस्यों के साथ बैठक की थी। इनमें वो डेमोक्रेटिक नेता भी शामिल थे जो मिशिगन, ओहायो और पेनसिलवेनिया जैसी अहम स्टेट्स से आते हैं। अमेरिका के चुनाव के वक्त इन राज्यों में सबसे ज्यादा कांटे की टक्कर होती है।

मुस्लिम लीडर्स ने इसी दौरान एक ओपन लेटर 2023 सीजफायर अल्टीमेटम में कहा था कि जो भी उम्मीदवार फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजराइली हमले का समर्थन करेगा, उसे कोई भी मुस्लिम, अरब या उनके सहयोगी मतदाता वोट नहीं देंगे। इन नेताओं ने आगे कहा था कि अमेरिका इजराइल को खुला समर्थन दे रहा है। इसमें फंडिंग, हथियार और जंग से जुड़ी दूसरी सामग्री शामिल है।इन नेताओं ने आगे कहा- अमेरिका की इजराइल को मदद भी फिलिस्तीनियों पर नरसंहार के लिए जिम्मेदार है। इसके जरिए अमेरिका ने कहीं न कहीं उस हिंसा को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसकी वजह से आम नागरिक मारे जा रहे हैं। अब वो वोटर्स बाइडेन पर भरोसा नहीं करना चाहते जो पहले खुले तौर पर अमेरिका के साथ थे।

इन बयानों के बीच व्हाइट हाउस ने कहा- जंग के बीच हमने लगातार मुस्लिम लीडर्स और समुदाय के बाकी लोगों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है। बाइडेन मुस्लिम नेताओं से बात कर चुके हैं और इस पर आगे भी चर्चा होती रहेगी।व्हाइट हाउस ने बयान में आगे कहा- बाइडेन इस बात को जानते हैं कि अमेरिकी मुस्लिम नेताओं और समुदाय ने नफरत भरे कई हमलों को सहन किया है। हम लगातार अरब, मुस्लिम समुदाय और यहूदी लीडर्स के साथ मिलकर काम करने की कोशिश कर रहे हैं।पिछले महीने ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसके मुताबिक- इजराइल और हमास की जंग शुरू होने के बाद अमेरिका में मुस्लिम नेताओं ने एक नया संगठन बनाया। इनका नारा है अब बाइडेन को अकेला छोड़ दो। इसके नेता जलाई हुसैन ने मिशिगन की रैली में कहा था- हम ऐलान करते हैं कि बाइडेन 2024 का प्रेसिडेंशियल इलेक्शन पहले ही हार चुके हैं। हसन सिबली ने कहा- हम बाइडेन को जिता सकते हैं तो याद रखिए हरा भी सकते हैं। वो न तो सीजफायर करा पाए और न गाजा के बेकसूर लोगों की जान बचा सके। हम उन्हें नरसंहार कराने वाला प्रेसिडेंट मानते हैं।

सिबली ने आगे कहा- गाजा में 10 हजार बच्चे मारे जा चुके हैं। इसलिए अब बाइडेन को व्हाइट हाउस में रहने का एक और मौका नहीं दिया जा सकता। वो इस नरसंहार के दोषी है। ग्लोबल स्टडीज के प्रोफेसर और मुस्लिम नेता हसन अब्दुल सलाम ने कहा- बाइडेन को देखना चाहिए कि हमारे पास 111 इलेक्टोरल वोट्स हैं।रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में करीब 30 लाख 45 हजार मुस्लिम रहते हैं। आमतौर पर इन्हें डेमोक्रेट पार्टी का समर्थक माना जाता है। अक्टूबर2023 के आखिर में एक सर्वे किया गया था। इसके नतीजे बताते हैं कि इजराइल का समर्थन करने की वजह से बाइडेन और उनकी डेमोक्रेट पार्टी मुस्लिमों से दूर होते जा रहे हैं। खास बात ये है कि 17% अरब मूल के अमेरिकी नागरिकों ने 2024 में बाइडेन के समर्थन की बात कही। 2020 में यह आंकड़ा 60% था।इस नजरिए से देखें तो मुस्लिमों के बीच डेमोक्रेट्स का समर्थन 42% कम हुआ है। 9 स्विंग स्टेट्स की वजह से ही बाइडेन 2020 में उस वक्त के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हराने में कामयाब रहे थे।मिसाल के तौर पर मिशिगन को ही ले लीजिए। अमेरिकी जनगणना विभाग के मुताबिक इस राज्य में 2 लाख 77 हजार अरब मुस्लिम अमेरिकी वोटर हैं। 2020 में इसी राज्य में कामयाबी के चलते बाइडेन ने इतिहास रचा था। इस पूरे मामले में एक मुस्लिम नेता का बयान हैरान करता है। जलाई हुसैन के मुताबिक हम ट्रम्प का भी समर्थन नहीं करेंगे। रिपोर्ट में सवाल उठाया गया है कि अगर वो बाइडेन (डेमोक्रेट) और ट्रम्प (रिपब्लिकन) दोनों का समर्थन नहीं करेंगे तो फिर किसका समर्थन करेंगे।

  • Related Posts

    पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने जताई बातचीत की इच्छा : रणधीर जायसवाल

    नई दिल्ली/इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने…

    Continue reading
    40 देशों की सैन्य नेतृत्व के साथ विशेष रूप से होगी बातचीत : CDS

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने वैश्विक स्तर…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    आईपीएस के पति आईआरएस अधिकारी पर हमला!

    • By TN15
    • May 29, 2025
    आईपीएस के पति आईआरएस अधिकारी पर हमला!

    पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने जताई बातचीत की इच्छा : रणधीर जायसवाल

    • By TN15
    • May 29, 2025
    पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने जताई बातचीत की इच्छा : रणधीर जायसवाल

    इतिहास रचेगा इतिहास! 

    • By TN15
    • May 29, 2025
    इतिहास रचेगा इतिहास! 

    Hathras News : दोहरे हत्याकांड में फांसी की सजा!

    • By TN15
    • May 29, 2025

    NCLT मुंबई के अफसर समेत 2 गिरफ्तार 

    • By TN15
    • May 29, 2025
    NCLT मुंबई के अफसर समेत 2 गिरफ्तार 

    40 देशों की सैन्य नेतृत्व के साथ विशेष रूप से होगी बातचीत : CDS

    • By TN15
    • May 29, 2025
    40 देशों की सैन्य नेतृत्व के साथ विशेष रूप से होगी बातचीत  : CDS