विज्ञान कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, हमारी जिंदगी को कितना आसान बना रहा है उसका अंदाज़ा हम सभी को है। विज्ञान की तरक्की एक कारण है कि इंटरनेट पर ऐसा दावा किया जा रहा है कि भविष्य में महिलाएं बिना गर्भधारण कर मां बन सकेंगी, बर्थ पॉड्स (Birth Pods) के ज़रिए । इस दावे से जुडी एक वीडियो हमें इंटरनेट पर मिल रही है, आए जानते हैं वीडियो के मुताबिक औरते कैसे बन सकेंगी मां बिना गर्भ धारण किए ?।
मां बनना अपने आप में ही एक खूबसूरत एहसास है, लेकिन मां बनने के लिए औरत को काफी दर्द का सामना करना पढ़ता है। ऐसे में महिलाओं के लिए विज्ञान एक वरदान समान है। एक ऐसी तकनीक का खुलसा हुआ है, जिसके जरिये महिलाओं को मां बनने के लिए गर्भ धारण करने, डेलीवरी के समय होने वाले दर्द को सहने, जैसी तकलीफों का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां तक कि इस तकनीक के ज़रिए सिर्फ बचे पैदा ही नहीं होंगे, बालक उनमें हम मनुष्य मुताबिक जीन भी दे देंगे। इस अनोखी तकनीक के ज़रिए बच्चे बर्थ पॉड्स (Birth Pods) में विकसित किए जायेंगे ।
कैसे होंगे फिर बचे पैदा? क्या है बर्थ पॉड्स?
भविष्य में आप बचे को दुनिया के पहले कृत्रिम भ्रूण केंद्र (World’s First Artificial Womb Facility) के ज़रिए बर्थ पॉड्स (Birth Pods) में विकसित होते देखेंगे। दरसल ये दावा हाशेम अल घाली, जो कि एक साइंस कम्युनिकेटर या वीडियो प्रोड्यूसर है, उन्होंने किया है।
तकनीक का नाम?
आप अपने बच्चे को अपनी आंखों के सामने बड़ा होते देखे सकेंगे, मां बिना गर्भधारण करें मां बन सकेंगी, सिर्फ एक अनुठी तकनीक के ज़रिए, जिसका नाम है एक्टोलाइफ (Ectolife)। इस प्रोसेस में एक कंप्यूटर मैट्रिक्स बनाया जाएगा, जिसमें इंसानी व्यवहार की पूरी डिटेल होगी, आपको किस तरह के बच्चे चाहिए वैसे ही बच्चे पैदा करेंगे। उदहारण के तौर पर, अगर आपको एक क्रिकेटर बच्चा चाहिए तो जेनेटिक्स में बदलाव करके आप मन मुताबिक बच्चा पैदा कर सकते हैं।
हाशेम अल घाली का क्या कहना है एक्टोलाइफ(Ectolife) या बर्थ पॉड्स (Birth Pods) के बारे में
हाशेम अल घाली कहते हैं कि भविष्य में एक पुश बटन तकनीक के ज़रिए बच्चे पैदा होंगे। गर्भधारण तो होगा, लेकिन किसी महिला के शरीर में नहीं बल्की बर्थ पॉड्स (Birth Pods) में। इस तकनिक के ज़रिए, एक ऐसा भ्रूण होगा जिसे आप देख सकेंगे, उसमें विकसित हो रहे बच्चे को देख सकेंगे ।
यहां तक की आप बर्थ पॉड्स(Birth Pods) को अपने घर में भी लगवा सकते हैं. ताकि आप अपनी आंखों के सामने बच्चे को विकिसत होता देख सकें। अगर बात करें भ्रूण केंद्र की तो, भ्रूण केंद्र में ऐसे 400 बर्थ पॉड्स(Birth Pods) होंगे। सारे रीन्यूएबल एनर्जी से चलेंगे, और आप खुद बच्चे के जरूरी वाइटल्स को ऐप के ज़रिए मॉनिटर कर सकेंगे, सुधार कर सकेंगे।
बर्थ पॉड्स(Birth Pods) में आर्टिफिशियल अंब्लिकल कॉर्ड होगा, जो ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को बच्चे तक पहुंचाएगा। बर्थ पॉड्स आर्टिफ़िशियल अमानियोटिक तरल पदार्थ से भरे हुए होंगे, जिसमें जरुरत के हिसाब से हॉर्मोन्स डाले गए होंगे और जेनेटिक बदलाव किया गया होगा। इन बर्थ पॉड्स(Birth Pods) को बायो रिएक्टर से चलाया जाएगा । इस तकनीक के हिसाब से, इन बर्थ पॉड्स (Birth Pods) में हर दिन, हर हफ्ते के हिसाब से पोषक तत्व डाले जाएंगे। जेनेटिक बदलाव किए जा सकते हैं, जिसकी वजाहसे माता-पिता को उनके मन में मुताबिक बच्चा मिल जाएगा, ताकि उन्हें बच्चे से अपनापन महसूस हो।
हाशेम ने कहा कि गर्भधारण करना असान बात नहीं है, ये दर्द भरा होता है, थकन पूर्ण होता है, और तो और कई देशों में ये खतरे से खाली नहीं होता, क्योंकि वहां सुविधाओं की कमी है। फ़र्ज़ करें कि कोई गर्भवती महिला अगर स्मोक या ड्रिंक करती है, तनव लेती है, तो उसके गर्भ में पल रहे उसके बच्चे को प्रॉब्लम हो सकती है। वही बर्थ पॉड्स(Birth Pods) के ज़रिए हम एक सेहतमंद बच्चा पैदा कर सकेंगे। ऐसे में इस परेशानी को देखते हुए हम सिर्फ एक आइडिया दे रहे हैं कि बचे इस तकनीक के ज़रिए भी पैदा हो सकेंगे।
घैली के मुताबिक इंसानी बच्चे एनिमल किंगडम में दुनिया के सबसे लाचार या अल्पविकसित जीव होते हैं। ऐसे में हमें अपने बच्चों की जैविक(biological) सीमाएं बढ़ाते हुए, ऐसी ताकतें देनी चाहिए जिनसे वो अल्पविकसित से अधिक विकसित बन सकें। वे बीमारी रहित रहें।
विडियो के मुताबिक अगर 400 पॉड्स वाले 75 केंद्र लगा दिए जाएं तो हर साल 30 हजार सेहतमंद, मनमुताबिक बच्चे पैदा किए जा सकेंगे।
हाशेम अल घाली के मुताबिक, एक्टोलाइफ(Ectolife) एक साइंस फिक्शन(science fiction) है, जिसे लेकर किसी को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। साथ उनका कहना है कि इस तकनीक को विकसित होने में कई साल लग जाएंगे, क्यूंकी ये आसान प्रक्रिया नहीं है। उनका ये भी कहना है कि इस तकनीक की वीडियो, फोटो अन्होंने इसलिए बनाई ताकि लोग इस तकनीक पर चर्चा कर सकें।
तकनीक की खिलाफत
जहां इस तकनीक को काफ़ी आधुनिक या अविश्वसनीय माना जा रहा है, वहीं हाशेम अल घाली के इन दावों, वीडियो या फोटो को लेकर विवाद छिढ़ गया है। एक्टोलाइफ (Ectolife) को पहले कृत्रिम भ्रूण केंद्र (World’s First Artificial Womb Facility) के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन इससे गर्भधारण की नैतिक अवधारणा को नुकसान पहुंच रहा है। जो इस तकनीक के खिलाफ हैं, उनके मुताबिक बच्चों को इस तरह से बर्थ पॉड्स(Birth Pods) में पैदा करना इंसानियत के खिलाफ है।